Pooja Singh 30 Mar 2023 ग़ज़ल समाजिक #अगर झुकता नहीं चरणों में यूं ही सर किसी के तो #पूजा की ग़ज़लें #गजल#गजल पूजा की#पूजा#पूजा सिंह #Google#Yahoo#Bing 10707 0 Hindi :: हिंदी
अगर झुकता नहीं चरणों में, यूं ही सर किसी के तो। तो जाओ दर पे दाता के, झुकाना सीख जाओगे। अगर मुस्कान लानी है, किसी के चेहरे पे तुमको। तो कुछ भी बोल कर टेढ़ा, हंसाना सीख जाओगे। अगर बीते हुए कल,आज,कल गमगीन हों ज्यादा। तो चढ़ा लो चार बोतल,गम दबाना सीख जाओगे। अगर कुछ लोग कहते हैं, मुझे गाना नहीं आता। तो नहाने घर को कर लो बंद, तराना सीख जाओगे। अगर चढ़ती नहीं दारू, के बोतल का नशा तुमको। तो पी लो उसकी नज़रों से, चढ़ाना सीख जाओगे। उठो खुद की नजर में तो, ये दुनिया साथ देती है। तो उठा लो खुद को, दूजे को उठाना सीख जाओगे। जमा लो महफिले रौनक,जो किस्मत साथ दे तेरी। तो जमाना छूट जायेगा, जमाना सीख जाओगे। अगर आशीर्वाद के हक से, बजे न हाथ, से ताली। तो सुनकर गीत 'पूजा'के,बजाना सीख जाओगे। स्वरचित लेखिका -पूजा सिंह "पूजा"