Saurabh Sonkar 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक आओ बच्चों तुम्हे दिखाएं जातिवाद हिनुस्तान का 44413 0 Hindi :: हिंदी
**हिंदुस्तान का जातिवाद** ------------------------------------- आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं, जातिवाद हिंदुस्तान का, रुख करो संस्थानों का, द्वार चलो न्यायालयों के, गांवों में तो हम साथ है रहते, अब असर हुआ संस्थानों में, नामों में सरनेम जो लगते, नंबर कटने का कारण बनते, कइयों को फायदा होता है, कइयों का तो नुकसान रे, जाति है कि जाती ही नही, अब हो गया बेडापार रे, देश जा रहा गर्त में भईया, किसका होगा उद्धार रे, 70 साल से मिले आरक्षण, फिर भी इनमें ही मारामारी रे, उच्च पदों पर कब्जा उनका, इनकी संख्या दुसवारी रे, आरक्षण पर रोना रोवैं, कैसी ये क्रोनोलॉजी है, सचिवालय में बापू उनके, विद्यालय में अम्मा जी है, संस्थानों में भरे पड़े है, ताऊ मौसा सार रे, न्यायालय से मीड़िया तक में, सब उनका तो कब्जा ही है, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं, जातिवाद हिंदुस्तान का, उनके भैंस चरायें दादा हमरे, हमहूँ भट्टा झोंक कमाय लेब, अंग्रेजी कै सपना नाही बा, पऊआ मा काम चलाई लेब, मासूमियत है कितनी इनमें, अधिकारों को भी ये जाने न, बगल से निकले बाबू साहब, बिन सलामी मारे ये माने न, सदियों की आदत है भईया, गुलामी भी ये अपनी जाने ना, जो धर्म का चोला ओढ़ते है, करते है वो जातिवाद रे, इंसानों में ही भेद ये करते, जानवर की क्या बात रे, नाम बटा है काम बटा है, सबका अपना भगवान बटा है, इश्क़ करै में जात न देखयं, ब्याह करै में परजात न होय, तुम भारत देश के गौरव हो, मत पड़ना इस जंजाल में, होकर इस बंधन से मुक्त, तुम करना अपना विकास रे, देश की तुम्ही उम्मीद हो अब, तुम करना इसका उद्धार रे, आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं, जातिवाद हिंदुस्तान का, _________________________ ✍️✍️ - सौरभ सोनकर _________________________