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तेरी दोस्ती में खुद को मिला हूँ-मुस्कानों के फूल खिला हूँ

Shivani singh 30 Jun 2023 गीत अन्य 5815 0 Hindi :: हिंदी

(Verse 1)
तेरी दोस्ती में खुद को मिला हूँ,
मुस्कानों के फूल खिला हूँ।
जीवन के सफर में बनी है ये राह,
सबको यहाँ प्यार से गले लगाता हूँ।

(Chorus)
दोस्ती एक रंग है, प्यार का संग है,
ये बंधन अजब है अनोखा।
ज़िन्दगी राहों में, हर पल संग में,
हम बनाएँगे एक नया गीत सजाना।

(Verse 2)
साथ रहते तेरे दिल को खुशी मिलती,
दर्द के पलों में, तुझसे है राहती।
खुलकर बातें करते हैं जब हम,
दुनिया भूल जाते हैं हम तब ही।

(Chorus)
दोस्ती एक रंग है, प्यार का संग है,
ये बंधन अजब है अनोखा।
ज़िन्दगी राहों में, हर पल संग में,
हम बनाएँगे एक नया गीत सजाना।

(Bridge)
जब भी हारे तू, ज़िंदगी की लड़ाई में,
मैं बन जाऊँ तेरी मुस्कान की सहाई में।
आंचल में छुपा ले दुखों को तू,
बिना कहे समझ जाऊँगा मैं तेरे दर्द को।

(Chorus)
दोस्ती एक रंग है, प्यार का संग है,
ये बंधन अजब है अनोखा।
ज़िन्दगी राहों में, हर प

ल संग में,
हम बनाएँगे एक नया गीत सजाना।

(Outro)
तेरी दोस्ती में खुद को मिला हूँ,
मुस्कानों के फूल खिला हूँ।
जीवन के सफर में बनी है ये राह,
सबको यहाँ प्यार से गले लगाता हूँ।

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