Shamma parween 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद 10546 0 Hindi :: हिंदी
छोड़ना ही था तो आए क्यूँ थे... ?? जब छोड़ ही चुके, थे तो आये क्यूँ हो...?? आवाज मेरी कहीं मर सी गई थी बरसो पहले बहुत शांत रहती थी खुद को कहीं दफना के आज कलम मैं खुद को ज़िंदा कर रही हूँ ए खुशी तेरा मुझसे कोई वास्ता नहीं तू मत आ मेरे पास सुकून मिलता हैं मुझे अकेले पन मैं