संदीप कुमार सिंह 02 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5306 0 Hindi :: हिंदी
आगम मेरे सामने,खुशियाँ नव्य हजार। कारण करता मैं भला,लेकर दिव्य विचार।। निर्गम नाला दृढ़ रहे,रहता दूर जमाव। होता मत पंक सामना,टूटे नहीं जुड़ाव।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....