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Mohammed fejaan

Mohammed fejaan 30 Mar 2023 शायरी दुःखद गूगल 8352 0 Hindi :: हिंदी

शाईरी-नम्बर 11

मे अरज करता हूँ। कि घूमंडी साहाब के लिए जो किसी दुख- दई अपने पैसो की अकड नहीं समझते हैं।

दर्द किया होता हैं। दर्द पढ़ने वालों से पूछो साहाब दर्द किया होता है। दर्द पढ़ने वालों से पुछो साहाब अजी साहाब तुम तो पैसे वाल साहाब तुम किया किसी का दुख-दर्द खाक समझोगरे साहाब अरे साहाब पैसों का वो इतना भी धमनड़ नहीं करना चाहिए साहाब जो किसी का दुख-दर्द को भी ना समज पाएँ इसलिए किसी ने कहाँ हैं। कि साहाब किसी के दुख-दर्द समझ ना बहुत हि जरूरी है। इससे उसका दिल हलका हो जाता है।.... साहाब,,  
मोहम्मद फैजान सिद्धिकी हरियाण सी.टी पानीपत गांव

नूवाला 25 फूटा रोट ईन्दा विहार कॉलोनी

वार्ड न0 2,

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