Sanjeev thakur 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य पैसा 19356 0 Hindi :: हिंदी
है पैसा है पैसा तू क्यों है ऐसा, है पैसा तू क्यों है ऐसा भाई को भाई से मिटा देता है दुश्मन को भी दोस्त बना देता है है।,है पैसा तू क्यों है ऐसा तेरे लिए लोग दिन रात भाग रहे है तू नही है तो तेरे लिए जाग रहे है। है पैसा तू क्यों है ऐसा हर बात पर लोग तुझे याद करते है मंदिर हो या मस्जिद सब जगह तेरी ही फरियाद करते है। तेरे होने से जिसे खुशी है उसे तेरे जाने का ज्यादा गम है जिसके पास तू है उसकी आंखों भी नम है लोग तुझे क्यू इतना चाहते है तेरे लिए अपनो से धोका और गैरो से हाथ मिलाते है एक दिन मानव भी तुझे अपने ही हाथो से दफनाएगा अपनी अंदर की मानवता को बाहर लायेगा एक दिन तुझे भी अपने किए कर्मो के लिए सरमिंदा होना पड़ेगा तुझे जो प्रेम करते है उन्ही के पास जाने के लिए रोना पड़ेगा अब बहुत हुआ मानव को जागरूक होना होगा पैसे से बड़ कर मानवता को अहमियत देना होगा हर कर्मो का हिसाब चुकाना होगा भविष्य में पैसे से उपर मानवता को लाना होगा ये खेल है तेरा कैसा है पैसा तू क्यों है ऐसा, है पैसा तू क्यों है ऐसा।