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आंखें-बात आंखों आंखों में

Maushami 10 May 2023 कविताएँ अन्य आंख # बातें #कटती 4841 0 Hindi :: हिंदी

आंखें
होती है बात आंखों आंखों में
कटती है रात आंखों आंखों में
आंखें नित दिन सपना देखें
करे इशारे आंखों आंखों में।
दिन भर के बोझ से आंखें थक गई,
जरा सुस्ता लेने पर आंख लग गईं।
किसीने आंख चुरा लीं
तो किसीने आंख लड़ा ली।
किसकी आंखों का पानी मार गया 
तो कोई आंखों में पानी लिए मर गया।
कोई आंख की किरकिरी बन गया 
तो कोई चाहत बन सिर आंखों पर बैठ गया।
कोई आंख लाल कर रहा है 
तो कोई आंखों में चुभ रहा है।
भाव कई , आंखें कई
कई राज , बातें अनकही।
आंखें केवल देखती नहीं,
अनुभव समेटती हैं।
बिना कुछ कहे बहुत कुछ कहती हैं।

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