Neetesh Shakya 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #समाज में हो रही #भ्रूण #हत्या #कन्या भ्रूण हत्या नीतेश शाक्य 16810 0 Hindi :: हिंदी
समाज में हो रही भ्रूण हत्या व बेटियों के प्रति हीन भावनाएं, चंद्र शब्द अपने समाज के प्रति बेटे को दिया जन्म तूने, बेटी से मुखड़ा मोड़ लिया बेटी घर की उजाला थी-2 क्यों उससे रिश्ता तोड़ दिया।। बेटी का क्या दोष बना, जो जन्म से पहले मारी थी। कन्या से इतनी नफरत है, तो शादी से क्यों यारी थी।।1।। जिसने तुझको जन्म दिया, वह भी तो एक बेटी है। घर का दीपक बन करके, नई रोशनी देती है।।2।। अधिकार उन्हें भी जीने का-2 क्यों जलता दिया तोड़ दिया। घर बसाना है तुझको, और घर में प्यारी बहना हो। हाथों की कलाई सुनी न हो, स्नेह दिल का गहिना हो।।3।। रिश्ते नाते बनते बिगड़ते-2 क्या बेटी ने कुटुंब में छोड़ दिया। बेटी को कोख में ना मारो, नन्ही सी जान को जन्म दे दो। कोने में रहकर जी लेगी, जीने की एक अवसर दे दो।।4।। एन.एस. लिखता है दिल की-2 क्यों बेटी से रिश्ता तोड़ दिया।
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