Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य मैं और तू (देह ) 12765 0 Hindi :: हिंदी
मैं और तू (देह ) बैसे तो एक हैं पर हम दो हैं इक्क्षाये और समश्याए अलग हैं भिन हैं मैं और तू भी भिन हैं मैं तू नहीं तू मैं नहीं मैं तुझ में रहता हूँ तू नहीं तू बदलता तेरा रूप बदलता तेरा तन उम्र ढलता हैं तुझसे गंध आता हैं दुर्गन्ध आता हैं तू मैं के बिना कुछ नहीं और मैं सिर्फ मैं हूँ तू नहीं तू मुझ में नहीं मैं तुझ में हूँ क्योकि मैं , मैं हूँ तू नहीं