संदीप कुमार सिंह 13 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5019 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) बीते दिन वनवास के, बहुत उठाए कष्ट। खुशी मिली तब राम को , दुष्टों का कर नष्ट। धर्म ध्वज का जय हुआ, खुशी अयोध्या धाम_ प्रजा उत्साह में कहे, देव राम हैं इष्ट। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....