Raj Ashok 31 Mar 2023 कविताएँ दुःखद 16715 1 5 Hindi :: हिंदी
लोग , सच में बेबस थे। उस वक्त जब, तूफानो में धा । भँवर मेरा ये तो कुछ ,अब मौसम बदला है। तब शुरू हुई है। पक्षी चह-चाहट वरना वीरान हो गए धे। यहाँ घोसले भी। फर्क आ रहा था। अपनो कि नजर मे हर चीज बदल रही धी। दोस्ती, एक उमीद , एक सहारा इस एक भरोसे के दम से , बदला है। मैरी तकदीर ने अपना फैसला