Neha Mahajan 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद #पापा 6778 0 Hindi :: हिंदी
कभी कीसी बात की कमी नही होणे दी, देर से ही सही उन्होने मेरी सारी ख्वाहीशे पुरी की, कभी कीसीसे इतना प्यार नही कीया जितना मुझसे कीया करते थे, भाई अगर कुछ बोल दे तो गुस्सेसे उसे डांटकर चुप कराते थे, बाहर से अगर कुछ खाणे के लिये लाते थे, तो सबसे पेहले अपनी थाली मे बिठाकर मुझे खिलाते थे, अगर कोई उंगली उठा दे मुझ पर तो झगड भी जाया करते थे, मेरी खुशी मे वो खुद मुस्कुराया करते थे, कभी कभी डांट भी दीया करते थे, लेकीन बात कीये बिना भी नही रेह पाते थे, वो खुदसे पेहले मेरे बारे मे सोचते थे, वो मुझसे बोहोत प्यार करते थे, वो इंसान कोई और नही मेरे पापा थे...... पापा आपकी बोहोत याद आती हे :( - नेहा महाजन