मोती लाल साहु 25 Dec 2023 शायरी दुःखद अरमानों की सेज-सजने से पहले बिखर गए 5845 0 Hindi :: हिंदी
चाह हमसफ़र... की तन-मन में जागी चाह-ए-सुरूर... सी तन-मन में जागी सेज सजेंगे चाहत के... फूल खिलेंगे अरमानों के ये सपने... वक्त के हाथों बिखर गए!!!! -मोती
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