Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

चाह हमसफ़र की

मोती लाल साहु 25 Dec 2023 शायरी दुःखद अरमानों की सेज-सजने से पहले बिखर गए 5845 0 Hindi :: हिंदी

चाह हमसफ़र...
की तन-मन में जागी

चाह-ए-सुरूर...
सी तन-मन में जागी

सेज सजेंगे चाहत के...
फूल खिलेंगे अरमानों के

ये सपने...
वक्त के हाथों बिखर गए!!!!
-मोती

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

मेरे नजर के सामने तुम्हारे जैसे बहुत है यहीं एक तू ही हो , मोहब्बत करने के लिए यह जरूरी तो नहीं read more >>
मीठी-मीठी यादों को दिल मैं बसा लेना जब आऐ हमारी याद रोना मत हँस कर हमें अपने सपनों मैं बुला लेना read more >>
Join Us: