Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

ज़िन्दगी मेरे अन्दर-सबको नज़र आती है रोशनी मेरे अंदर

DINESH KUMAR KEER 10 May 2023 कविताएँ अन्य 4575 0 Hindi :: हिंदी

सबको आती है नज़र रोशनी मेरे अंदर,

कितनी है, पूछे कोई तन्हाई मेरे अंदर

मेरी आवाज़ में है शामिल इक सन्नाटा,

सदियों से चीखती है ख़ामोशी मेरे अंदर

भीगने से भला कैसे बचाऊं ख़ुद को

बहती है ग़म की एक नदी मेरे अंदर

क़त्ल भी करता हूं तो माफ़ी के साथ,

थोड़ी है पर है अभी सादगी मेरे अंदर

ये ग़लतफ़हमी है सबको कि मैं ख़ुश रहता हूं,

ग़ौर से देखो, कहां है ख़ुशी मेरे अंदर ?

जिस्म ख़ुद देता है अब कन्धा सांसों को,

जब दम तोड़ती है ज़िंदगी मेरे अंदर.....

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: