धर्मपाल सावनेर 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #जिंदगी #को लेकर#बोहोत #सुंदर# कविता# 6662 0 Hindi :: हिंदी
जहर भी यहां है अमृत भी यहाँ है जीना है के मरना है ये तुम्हे तय करना है ।। धारती भी याहा है अंबर भी यहां है उड़ना है की चलना है ये तुम्हे तय करना है ।। कांटे भी यहां है पुष्प भी यहां है चुभना है या महकना है ये तुम्हे तय करना है ।। पानी भी यहां है आग भी यहां है जलाना है या बहना हैं ये तुम्हे तय करना है ।।। अच्छाई भी यहां है बुराई भी यहां है किसे त्यागना है किसे अपनाना है ये तुम्हे तय करना है ।। धरम सिंग राजपूत 8109708044