ज्योती महादुले 20 Jun 2023 गीत समाजिक 🏵️ 5363 0 Hindi :: हिंदी
बेटी ------ बेटी तु जो समजे पाप तो यह तेरे नजरो का दोष भाया बेटी है एक कोहनुर हिरा प्रेम का अपुर्व सागर गहरा बेटी तु जो समजे पाप.....।।धृ।। बेटी परिवर्तन, दोहे घर का दर्पण संस्कारो की खाण,जन्म से महान सासो से सासो का नाता कभी ना छुटे बेटी ऐसे सासो की दोर का पक्का धागा बेटी तु जो समजे पाप भाया...।।१।। बेटी एक मुस्कान, बहती नदी सरीता। बेटी के रुप अनेक, हर रुप की एक प्रतिभा। हर प्रतिभा को चमकाये बेटी वह है सितारा प्रेम का अपुर्व सागर गहरा....।।२।। बेटी एक अभंग, बहती प्रवाह धारा। बेटी दे काठी हाथ में, माॅ बापू का सहारा। बेटी जिसके झोली में नही उसने संसार को हारा बेटी तु जो समजे पाप.. तो यह तेरे नजरो का दोष भाया...।।३।।