Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्रेम ही अपना 18784 0 Hindi :: हिंदी
प्रेम आदर है समान है एक मीठा एहशास् है प्रेम महक है मधुर त्याग है एक चराग है प्रेम थोड़ा खटा थोड़ा मीठा थोड़ा नमकीन तो छालिया नटखत माखन चोर तो कृष्ण राधा है कृष्ण के बासुरी तो गोपियो के बाल नृत्य है कदम के डाल तो विरदाबन के निधी वन है प्रेम प्रेम प्रेम एक आदभूत आदत है प्रेम राग है उपासना हैं वंदना हैं आराधना हैं इसका कोई मोल नही कोई तोल नही प्रेम सीता सा पवित्र तो राम के बचन है प्रेम मीरा प्रेम मोहन प्रेम ही गिरधर गोपल है प्रेम ही अपना प्रेम ही कल्पना प्रेम एक सुंदर बिचार है