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मौसम आया है जवां-मन की आँखें खोल

संदीप कुमार सिंह 19 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 3549 0 Hindi :: हिंदी

(मुक्तक छंद)
मौसम आया है जवाँ,मन की आँखें खोल। 
तुम भी बन जा अब जवाँ,हद में रहकर बोल।
मधुर मधुर फिर सृजन कर,सबसे कर पहचान_
अपनी सरल पहचान से,जाएं बन अनमोल।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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