Samar Singh 16 Jun 2023 गीत प्यार-महोब्बत प्रकृति को देखता हूँ तो तुम्हीं तुम हर जगह हो ऐसा लगता है। 8315 0 Hindi :: हिंदी
तू गुजरी है इन राहों से शायद, एक खुशबू फैल रही है हवाओं में। तूने लहराई है जुल्फें शायद, एक नशा फैल रहा है फिजाओं में।। तूने खनकाई है कंगन शायद, गूंज रही है एक गीत इन दिशाओं में। तू स्वर्ग से उतरी है, मेरे खाबों की एक परी है। तेरी उठी है पलकें शायद, रंग बदलने लगा है शमां, तूने लहराई है चुनरी शायद, सतरंगी होने लगा है आसमाँ। तू छाई रहती है सपनों में, कितनी करीब है मेरे अपनों में। तू मुस्कुराई है शायद, रिमझिम बरसात होने लगी। तूने कदम बढ़ाया है शायद, कि धीरे- धीरे धरती मचलने लगी है।। रचनाकार- समर सिंह " समीर G "