Kalindri pal 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक 10076 0 Hindi :: हिंदी
प्रभु की तो भक्ति ही, जीवन का सार हैं।भक्ति बिना ही ये तो, दुनिया बेकार हैं।दुनिया में रहोगे तो, भक्ति से ही मान हैं। भक्ति बिना ही तो, ये मुर्दा समान हैं। माता-पिता और गुरु, भक्ति से महान हैं। प्रहलाद ध्रुव का तो, भक्ति से ही मान हैं। मैं भी तो एक भक्त हूँ, कविता महान हैं। तभी तो निघुवामऊ में,गहरेस्वर का धाम हैं। भक्ति से ही दुनिया में,बसे भगवान हैं।
I am kalindri pal *betul*. I am from village and post nighuwamau block Machhrehata district Sitapur...