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गुरूर-वो गुरूर क्यों न करे खुद पे

Baba ji dikoli 09 Sep 2023 शायरी प्यार-महोब्बत Shayri 12830 0 Hindi :: हिंदी

वो गुरूर क्यों न करे खुद पे
एक नजर देखने से जो उसे मिल गए  हम।
उसका मुँह फेरना लाजमी था
इतनी आसानी से जो मिल गए हम ।
Baba ji dikoli

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