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तुम पूरे बदल चुके हो- तुम आजकल खुद की समझ से बाहर हो

Swapnil bajrang aher 20 May 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #प्यार #truelove #Heratlove #lovepoem # 7812 0 Hindi :: हिंदी

तुम पुरे बदल चुके हो…..
उससे मिलकर न तुम चुके बदल गए हो

सायद ये तुम्हे भी महसूस नहीं की ये क्या होगा
हर वक्त वही सकस रहता होगा ध्यान में तुम्हारे
सायद इस बात पे तुमने भी खुद ध्यान नहीं दिया होगा

अब तो बस उसी का लास्ट सीन देखते रहते हो
लगता है तुम्हे उसकी आदत हो गयी है
उसके अलावा ये दिल भी कहि नहीं लगता है तुम्हारा
सायद उससे तुम्हे मोहब्बत हो गयी है

जो हर वक्त उसी के इन्तजार में रहते हो
तुम्हे ऐसा बैचैन भी कभी देखा नहीं है
अब उसी की मैसेज से सुबह है तुम्हारी और रातें भी
तुम्हारे इस हालत का तुम्हे खुद भी पता नहीं है

उसी की खयालो में ये घडी आजकल
रुक सी जाती है तुम्हारी
वो बात नहीं करे तुमसे तो बातें
खुद से भी कहाँ हो पाती है तुम्हारी
उसके नाम से ही चेहरे पर तुम्हारे
ये चमक भी साफ़ नजर आती है

तुम आजकल खुद की समझ से बाहर रहते हो
पर उसकी बाते तुम्हे पूरी समझ आती है
यार तुम्हे इतना भी खुश कभी देखा नहीं
कोई तो वजह होगी क्योकि तुम ऐसे ख़ुश
बेकार में तो नहीं हो

रातो में भी आजकल नीड नहीं आती है तुम्हे
देखना कहि तुम प्यार में तो नहीं हो
तुम उसके प्यार में तो नहीं हो। …
         
                    स्वप्निल आहेर नाशिक

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