Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

नकल

Aniket 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग लेखिका : वीना शर्मा By : आदर्श शिक्षा इंस्टीट्यूट 21793 0 Hindi :: हिंदी

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल के किनारे एक ऊंची चट्टान थी, उस पर एझ गिद्ध रहा करता था। गिद्ध शिकारी प्रवृत्ति के होते हैं

अतः वह शिकार दिखने पर चट्टान से शिकार करने के लिए ऊंची उड़ान भरता था। तथा अपने लक्ष्य अर्थात अपने शिकार को लेकर ही लौटता था। और उसे चट्टान में ही लाकर खाया करता था।

  चट्टान के पास में ही एक कौआ अपना घोंसला बनाकर रहता था। जब भी गिद्ध शिकार करने के लिए जाता था, कौआ उसे देखता था और उससे प्रेरित होकर स्वंय भी शिकार करने की सोचता था।

एक दिन गिद्ध को एक शिकार दिखा, वह बहुत बड़ा जानवर था। कौआ भी उस पर नजर गड़ाए बैठा था। अब कौआ उसे ध्यान से देखने लगा।

गिद्ध होशियारी से ऊंची उड़ान भरकर अपने शिकार के ऊपर गया और उसको चालाकी से अपने पंजो में दबोचकर, चट्टान पर ले आया। फिर उसका शिकार कर खाने लगा।

कौए ने देखा, और आज तो उसने ठान ही लिया कि अब वह भी शिकार कर के रहेगा। वह सोचने लगा! आखिर कब तक कीड़े मकोड़ो से अपना पेट भरूं!

   चट्टान की खोह में छिपकर कुछ खरगोश रहा करते थे। वे अपनी चतुराई के बल पर जंगली जानवरों से बचे हुए थे। जब भी कोई उनका शिकार करने आता तो वे लोग, चट्टानों के छेदों में घुस जाते थे।

Hasya Kahaniyan Moral Part – एक दिन एक खरगोश खेलते हुए बाहर आया हुआ था। कौए ने खरगोश को देख लिया। अब उसने खरगोश के शिकार करने की सोची।

 वह ऊंची उड़ान भरकर खरगोश के ऊपर मंडराने लगा। वहीं चतुर खरगोश ने उसे अपने ऊपर मंडराते हुए देख लिया। खरगोश सारी बात समझ गया। अब वह जानबूझकर वहीं खड़ा हुआ था।

जैसे ही कौआ खरगोश की तरफ आया खरगोश दौड़ कर एक चट्टान के पीछे छिप गया। कौआ भी उसके पीछे ही था। परन्तु जब खरगोश चट्टान के पीछे छिपा उस समय ही,

कौए का सर उस चट्टान से बड़ी जोर से टकराया और उसकी गर्दन टूट गयी। वह तड़प तड़प कर मर गया।

सीख | स्वंय के ऊपर इतना आत्मविश्वास भी नहीं होना चाहिए जिससे कि अपने प्राणों को ही हानि हो जाए।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: