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चांदनी रात मुझे तरसाती-रातें गुज़रती हैं तन्हाइयों में

मोती लाल साहु 12 Aug 2023 शायरी प्यार-महोब्बत ए-विरह की अग्नि 7176 0 Hindi :: हिंदी

ये चांदनी रात मुझे तरसाती है,
तन्हाइयों में ये रातें गुज़रती हैं,,

ख्वाब ही रह गए अब ये मोहब्बत,
विरह की अग्नि बनी है हक़ीक़त!!
 -मोती

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