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कलम के जादूगर (मुंशी प्रेमचंद जी पर कविता)

Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Ambedkar Nagar kavita #premchand per kavita #kalam ke jadugar kavita Rambriksh 160274 0 Hindi :: हिंदी

कविता -कलम के जादूगर 

संघर्ष शक्ति संकल्प कर जा
कलम के सिपाही आज तू
रंग भर जा भूमि में फिर
लिख कर गबन गोदान तू। 

प्रेम का चंदन लगाया
सेवा सदन के द्वार पर
जीवन दलित दारुण दिखाया
हवेलियां जमींदार पर। 

राष्ट्रहित की चेतना चित्
में उतारा आप ने
शोषितों दलितों गरीबों
को लिखें हालात में। 

गांवों से लेकर खेत तक
खलियान से घर द्वार तक
मस्जिद से लेकर मंदिर तक
झोपड़ी दरबार तक

मेला से मातम भीड़ तक
अनाथ से परिवार तक
क्या उतारी चित्र छाया
मुंशी से जमींदार तक। 

धन्य है धनपत की धरती
धन्य पंच परमेश्वर
धन्य है आहूति तेरी
धन्य तेरा कर्मधर। 

बेखबर बेखौफ होकर
लेखनी से खूब रौंदा
कभी बन कर जादूगर
तो कभी नमक का दारोगा। 

धन्य तेरा राम लीला
आज भी वरदान है
निर्मला का प्रेमाश्रम
जीवन के आयाम हैं। 

संग्राम से ले प्रेम वेदी
निर्मला से कर्बला
बाल विधवा दहेज रिश्वत
लिख दी गरीबों की बला। 

आप को शत् शत् नमन
शत् शत् नमन अंदाज को
है नमन उस लेखनी को
नमन कहानी सरताज को। 


रचनाकार -रामबृक्ष आम्बेडकर नगर। 

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