Poonam Mishra 21 May 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत जिंदगी को कुछ और भी हुनर आना चाहिए था 7498 0 Hindi :: हिंदी
आज न जाने क्यों दिल को यह ख्याल आया कुछ हुनर मुझे भी आना चाहिए! था जिंदगी के इन संघर्ष भरे पथ पर! मुझे भी मुस्कुराना चाहिए था ! जो जिंदगी को मात देकर हम! मौत से जीत आए ! क्यों ना ?हमें भी आंधी में एक दीप जलाना चाहिए था! जो कह न सके अपनी जुबान से हम किसी से ! मेरे आंखों के आंसुओं को भी कुछ बताना चाहिए था ! अपनों से बिछड़ कर दूर जाने के तो कई बहाने थे ! पर एक बहाना बनाकर कभी अपने घर भी आना चाहिए था इतने दर्द सह कर क्या हुआ? हासिल मुझे !कुछ दर्द औरों को भी बताना चाहिए !था ! जो मेरे खत के टुकड़े-टुकड़े कर दिया तुमने !मेरे खत के कागज से एक सुंदर ,नाव ,बनाकर चलाना तुम्हें आना चाहिए था! तुम्हारे प्यार में कुछ इस तरह मशहूर हो गए हैं ;शहर में हम !मेरी शोहरत !को तुम्हें मिटाना आना चाहिए था ! न जाने क्यों ?दुनिया की खबर मुझे रही ही नहीं ! पर तुम्हारे प्यार को मुझे भुलाना आना चाहिए था लेखिका पूनम मिश्रा