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शीर्षक (दृढ़ निश्चय)

SACHIN KUMAR SONKER 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य google शीर्षक (दृढ़ निश्चय) 57228 0 Hindi :: हिंदी

शीर्षक (दृढ़ निश्चय)
मेरे अल्फ़ाज़ (सचिन कुमार सोनकर)
मंजिल यू ही नही मिलती आसानी से।
मंजिल के लिये चलना पड़ता है।
मंजिल के रास्ते है कई सही रास्ता चुनना पड़ता है।
रास्ते है कठिन पर मंजिल के लिये  रास्तों  पर चलना पड़ता है।
यू ही हार मान कर बैठ गये तो मंजिल कैसे पायोगे।
यू तो तुम रास्तों  में ही भटक जायोगे।
भटकाने वाले बहोत मिलेगे तुमको।
जो तुमको भटकायेगे तुमको तुम्हारे मंजिल से दूर  ले जायेगे।
तुमको अड़िग रहना है सही रास्तों  पर चलना है।
जो अपने पथ पर अटल है वही सफल है।
एक ना एक दिन तुमको मंजिल मिल जायेगी।
तुम्हारा दृढ़ निश्चय ही तुमको सफलता दिलायेगी।
यही तुम्हारे सफलता की कुँजी कहलायेगी।

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