Jyoti yadav 17 May 2023 कविताएँ देश-प्रेम #भारत के वीर हैं डरेंगे नहीं हम# 5976 0 Hindi :: हिंदी
क्या दुख है कैसा है गम भारत के वीर हैं डरेगी नहीं हम मिला कर चलो कदम से कदम आंखें ना करो तुम नाम पूजा एक टुकड़ी हजारों इस काया की होगी नहीं तड़पन न्याय धर्म के रक्षक हैं बहेगी नहीं यह लोचन हम हैं हिंद के वासी सहेंगे ना अपमान यहां मिली भले हमें फांसी देंगी हम जवाब वहां सिंह सी दहाड़ है चाहे खाई हो या फिर पहाड़ है चलती चली जाएंगी साथ विजय पताका ली हम आएंगे डीजे श्री है हमें बुलाती सर कटाना भी हमें आता है दुश्मनों की ललकार उठी है दर्द घाटी भी अपनी सुनाती है कर सकती हैं वार पतवार हम सशक्ति नहीं ललकार है दुश्मनों दी रही हूं चेतावनी उठा लो हथियार बड़ी तीज है धार इस तलवार की रिखाकर भारत की कसम कहते हैं हम भारत के वीर हैं डरेगी नहीं हम