संदीप कुमार सिंह 14 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5573 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) संयम वाणी पर रखें,फिर होता है प्यार। जरा जरा सी बात पर, हो जाता है खार।। जरा जरा सी बात पर, कर लें हम सब ध्यान। दे सकते हैं सीख को, होगा दूर अज्ञान।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....