Ashok Kumar Yadav 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक 76851 0 Hindi :: हिंदी
कविता- यदुवंशम: योगेश्वर श्रीकृष्ण हे! द्वारकाधीश जन्मदिन की आपको बधाई आनंद,मंगल है पूरे जगत में झूम रहे अनुयायी निकाल कर रैली बन गोविंदा फोड़ रहे मटकी घर-घर,कण-कण विराजे बाल गोपाल कन्हाई लड़कपन में गोचारण के लिए गए सघन वन मनमीतों के संग लीलाएं कर उड़ते थे गगन राधा रानी गोपियों संग रास रचाए वृंदावन में प्रेम गीत गाकर बंसी धुन में हो जाते थे मगन बाल सखाओं के रूप धारण करके आए घर सब ग्वालिन माताओं के प्रेम स्नेह मिला सुंदर कंस आदेश था दूध,दही नहीं खाएंगे यदुवंशी माखन चोरी कर बांट खाए सुहृदय मुरलीधर परमपिता परमेश्वर यादव कुल के शिरोमणि पतितों के हो पालनहार विश्व रक्षक अग्रणी गीता ज्ञान के उपदेशक विराट रूप कर्मयोगी यदुवंश के वृत्तिकार विश्वशांति दूत वेदाग्रणी द्वापरयुग के महादैत्यों का खेल में किये संहार सर्वजन और अहीर क्षत्रियों का किया उद्धार लोक कल्याण के लिए उत्पत्ति लिए चतुर्भुज युगों-युगों तक जय-जयकार करेगा ये संसार कवि- अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़ (भारत)।