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कैसे तुम्हें हाल बताऊं-मुझ में समाती नहीं खुशी

Sudha Chaudhary 22 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 14890 0 Hindi :: हिंदी

कुछ कहना है कुछ कह जाऊं 
कैसे तुम्हें हाल बताऊं।
मुझ में समाती नहीं खुशी है
आज दुखों को कहां छुपाऊं।
हर धड़कन की तार बने हो
जीवन का आधार बने हो।
आओ तो तुम को देखूं 
जाऊं तो तुमको देखूं।
अपने इस आने जाने में
तुम से लिपट कर ही रह जाऊं।
प्रेम तुम्हारा कितना मधुर है
जैसे अभिलाषा खिलती हो
हृदय तुम्हारा शीतल तल है 
मंद मंद झूलेगा अब मन 
नैनो के इस झूले से
अपना सब कुछ तुममे कर जाऊं।

सुधा चौधरी
बस्ती

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