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प्यार व है जो नफरत को मिटाता है

संदीप कुमार सिंह 15 Jun 2023 शायरी प्यार-महोब्बत शायरी, कच्ची कली, कचनार, सोहबत, हुस्न, बंदा, हाज़िर, जागीर, तमन्ना, जवान, मुखड़ा, चांद, जाम 6964 0 Hindi :: हिंदी

कच्ची कली कचनार की तोड़ी नहीं जाती,
 राहों में किसी की सोहबत छोड़ी नहीं जाती।

हुस्न के लिए कभी भी पीछे मत हटना,
और अधिकार से भी पीछे मत हटना।

दुनिया दिलवालों की जागीर है,
आपके लिए बंदा तुरंत हाजिर है।

तुमसे मिलकर तमन्ना मेरी जवान हुई,
तेरी हर बात मेरे दिल को छू गई।

मुखड़ा तेरा चांद का टुकड़ा लगे,
तुझे देखने से प्यार ही प्यार जगे।

मेरे उदास विचार का तुम शोला हो,
और मेरे उग्र विचार की तुम शबनम हो।

रास्ते से सब ही गुजरते हैं,
हर मजहब वाले शान से चलते हैं।
यहां तो कोई तकरार नहीं रहता,
क्योंकि सबके सामने लक्ष्य रहते हैं।

किसी भी और कभी भी असहाय के मदद के लिए आना आगे,
ऐसे कर्मों से ही आपके आफत रहता है भागे।

प्यार व है जो नफरत को मिटाता है,
यार व है जो मुश्किलों में काम आता है।

जाम व है जो भड़ कर छलकता है,
गीत व जो सबके लबों पर गूंजता है।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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