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ज़िंदगी और किताब - पढता था मैं दिन रात किताबे

Pooja prajapati 30 Mar 2023 गीत अन्य ज़िंदगी 142184 3 5 Hindi :: हिंदी

पढता था मैं दिन रात किताबे,
तो कभी किताबों में ज़िंदगी का अर्थ ढूँढा करता था
पर जीना तो मुझे ज़िंदगी की किताबों ने सिखाया 
कोई मतलब नही था उसमे ज़िंदगी का ,जिस किताब को मैं दिन रात पढा करता था
एक अरसा लग जाता था किताबों को पूरा पढने में,
पर ज़िंदगी भी एक किताब हैं समझाया मुझे अपनी ज़िन्दगी ने
कभी मुश्किल सा लगता था ज़िंदगी को समझना, 
तो कभी आसान नही लगता था ज़िंदगी को पढना 
पढ लेता हूँ मैं अब ज़िंदगी को एक किताब समझके 
जाना हैं मैने ज़िंदगी को पढ कर कि ,किताब भले ही ज़िंदगी ना हो 
पर ज़िंदगी एक लोती ऐसी किताब हैं मेरी 
जिसे पढने में कई आरसे लग जाते हैं ,पर कभी पूरी नही पढ पाते हैं
एक ऐसी किताब होती हैं ज़िंदगी
पढकर इस किताब को कभी प्यार तो कभी एहसास को महसूस किया हैं मैने ,
कभी रोकर तो कभी हँसकर जिया हैं मैंने 
क्योकी किताब एक ज़िंदगी नही,ज़िंदगी एक किताब हैं 









Comments & Reviews

Meenakshi Tyagi
Meenakshi Tyagi 👌👌

8 months ago

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Meena ahirwar
Meena ahirwar Very Nice👌

8 months ago

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