Ashok prihar 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य Google/yahoo/bing 10151 0 Hindi :: हिंदी
हर शब्द खेल दिखाते है! कभी हसाता ते, कभी रुलाते, तो कभी-कभी आत्मा को शांति पहुंचाते है!! और क्या कहूं:- यह शब्द ऐसे भी खेल खेलते हैं! जो कायर को भी संघर्ष के बल पर वीर बनाते हैं!! दिमाग से निकले मुंह पर आये! होटो से तीर कमान हो निकले!! अब ना जाने किसे,घायल करते है! यह शब्द ही है जो कभी हसाते तो कभी रुलाते, तो कभी कभी आत्मा को शांति पहुंचाते हैं!! शब्दों की वाणी को समझिए! शीतल होकर बोलिए!! खुद को भाए,औरों को शांती पहुंचाऐ! ऐसे शब्द उपजिऐ!! शब्द ना होते तो क्या लोगो का मूल्यों रह जाता! ठीक व्यक्ति मुर्दो के भाती कहलाता!! खुद का मूल्य समझिऐ, वाणी का मूल्य समझिऐ! और हर जगह अपनी अच्छी पहचाना बनाइऐ!! हर शब्द खेल दिखाते है! कभी हसाता ते कभी रुलाते, तो कभी-कभी आत्मा को शांति पहुंचाते है!! शब्द विचार:- अशोक परिहार