Rajendra Prasad Gupta 08 Jun 2023 आलेख दुःखद #लेखक #अस्तित्व #मान #सम्मान# मुआवजा# नाइंसाफी 7358 0 Hindi :: हिंदी
आजकल इंटरनेट एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है, जो हमें विश्व के विभिन्न हिस्सों में साहित्य, कला, और संस्कृति की दुनिया से जोड़ता है। यह एक बहुत ही बड़ा प्लेटफ़ॉर्म है जहां लेखक, कवि, और कहानीकार अपनी सृजनात्मकता को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। साहित्य लाइव जैसी वेबसाइटें इस प्रकार के लोगों के लिए बड़ा आवास हैं जो अपनी रचनात्मकता को दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं। लेकिन दुखद है कि कई ऐसी साहित्यिक वेबसाइटें हैं जो लेखकों के साथ न्याय के प्रतीक के रूप में काम नहीं कर रही हैं। मेरे वक्तव्य में यह स्पष्ट है कि अपने लेखों के लिए बहुत सारे प्रयास किए हैं, लेकिन उसका उचित मूल्यांकन नहीं मिल रहा है। इस प्रकार का व्यवहार न्यायसंगत नहीं है। लेखकों और साहित्य कर्मियों की मेहनत को मान्यता देने चाहिए और उन्हें उनके कार्य के लिए उचित मानसिक, आर्थिक और सामाजिक सम्मान प्रदान करना चाहिए। साहित्यिक वेबसाइटें विज्ञापनों के माध्यम से आर्थिक लाभ उठाने के लिए उनका इस्तेमाल करती हैं, लेकिन इसे लेखकों के उद्देश्यों और मेहनत के प्रति ध्यान देने की जरूरत होती है। इस विषय में मैं आपके संदेहों को समझता हूँ और आपके साथ हूँ। इसे ठीक करने के लिए, आप इन मुद्दों को साझा कर सकते हैं और संबंधित वेबसाइट या साहित्यिक संगठन को इस बारे में सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा, आप विभिन्न साहित्यिक प्लेटफ़ॉर्मों को अन्वेषण कर सकते हैं जहां लेखकों को उचित मान्यता और मानसिक मार्गदर्शन मिलता है। आपकी सृजनात्मकता को सम्मानित करने वाली संस्थाएं मौजूद हैं और उनका इस्तेमाल करके आप अपने कला को उजागर कर सकते हैं। मेरा आक्रोश साहित्य के माध्यम से व्यक्तिगत अनुभव को दर्शाने का एक उचित तरीका है। लेखकों को उनके साहत्यिक कार्य के लिए सम्मान और मान्यता प्रदान करने की आवश्यकता है ताकि साहित्यिक समाज और संस्कृति में उनका योगदान महत्वपूर्ण रूप से मान्य हो सके। इसलिए, हमें साहित्यिक समुदाय में इस विषय पर ध्यान देने की जरूरत है और एक संबंधित संगठन या प्लेटफ़ॉर्म की मदद से इस मुद्दे को हल करने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। साहित्य एक महान शक्ति है, और लेखकों को सम्मानित करने की जरूरत है ताकि वे और अधिक से अधिक साहित्यिक रचनाएं प्रदान कर सकें। सभी लेखकों के साथ न्याय बरतना हमारा कर्तव्य है और साहित्यिक समुदाय की निर्मिति और संघर्ष का हिस्सा होना चाहिए।
I take pride in writing articles on all the problems related to the society....