Anjani pandey (sahab) 11 May 2023 शायरी समाजिक घर से दूर शहर#### 5563 0 Hindi :: हिंदी
ढलते ढलते साम की कदर हमसे पूछिए इक रात नही हर रात का सफर हमसे पूछिए मुद्दतो में पहुंचे है एक घर में कहीं अपने घर से दूरी का अंजाम हमसे पूछिए.. अंजनी पांडेय साहब
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