Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ दुःखद Google 61597 0 Hindi :: हिंदी
मालिक-मालिक मेरी मदद कीजिए मेरी मां को बचा लीजिए। क्या हुआ तुम्हारी मां को।मेरी मां पेट के दर्द से तड़प रही है उसे जल्द ही इलाज की जरूरत है। मालिक ड्राइवर को आवाज देता है राम इसकी मां को लेकर तुरंत अस्पताल जाओ और जो भी खर्चा होगा मुझे आकर बताना। पास में खड़ा दोस्त उससे बोलता है तुम इतनी क्यों मदद कर रहे हो कुछ रूपए देकर भी तो काम चल जाता। राज उससे कहता है कि मुझे आज भी वो रात याद है कितनी भयानक रात थी। मां दर्द से तड़प रही थी और बाबूजी को समझ नहीं आ रहा था कि कहां और कैसे लेकर जाऊ। बाहर जोरों की बारिश भी हो रही थी और कोई साधन भी नहीं दिख रही थी। की अचानक एक कार आते दिखी और बाबूजी ने मुझसे कहा बेटा तुम अपने छोटे भाई का ध्यान रखना दरवाजा अंदर से बंद कर देना। मैं तुम्हारी मां को लेकर अस्पताल जा रहा हूं। बाबूजी मां को जैसे-तैसे अस्पताल ले जाते , पर सायद बहुत देर हो चुकी थी रास्ते में ही मां अपनी अंतिम सांस ले ली थी। बाबूजी तो जैसे टूट ही गए थे । जैसे-तैसे हमें संभाल कर इतना बड़ा किया कि आज हम अपने पैरों में खड़े हुए। मां के चले जाने के बाद हम तो जैसे अनाथ ही हो चुके थे। इसलिए मैं चाहता हूं कि मुझसे जितना हो सके उसकी मदद करूं ताकि वह मेरी तरह अनाथ महसूस न करें। उसी वक़्त फोन आती है कि मालिक-मालिक मेरी मां बच गई आपका बहुत -बहुत शुक्रिया।