मोती लाल साहु 25 Apr 2023 शायरी समाजिक तरक्की की हद हो गई है, अब जमाने में शानो-शौकत की हद हो गई है। इम्तेहान चल रही है- इंसानों की। 6373 0 Hindi :: हिंदी
हद हो गई है अब- तरक्की की हद हो गई है अब जमाने में, इम्तेहान- चल रही है इंसानों की, शानो-शौकत की हद हो गई है -मोती