नवीनतम हास्य-व्यंग रचनाएँ
कर्जदार
Ranjana sharma
एक रहम दिल इंसान ने किसी अपने की मदद करना चाहा , क्योंकि वह मुसीबत में था, लेकिन उस मददगार को नहीं पता था कि उसका मदद क
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सोने का अंडा
Aniket
कुछ साल पहले रामू नामक एक लकड़हारा था। उनकी पत्नी हेमा और दो छोटे बच्चे थे। हर सुबह रामू पास के जंगल में जाता और पूर
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हँसना मना है
Aniket
शांति और अरुण अच्छे दोस्त थे। उन्होंने साथ में बहुत मस्ती की। उन्होंने कक्षा में रहस्य साझा किए। उन्होंने साथ में
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जिसकी लाठी उसकी भैंस
Aniket
एक गाँव में एक दूधवाला रहता था। उसके पास बहुत सारी भैंसें थीं। वह अपनी भैंसों का बहुत ख्याल रखता था। वह अपना दूध अलग
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रूप परिवर्तन
हुकम चन्द जैन
ग्रामीण बाप बेटे
पहुंचे शहर की ऊंची इमारत में
लिफ्ट के दरवाजे
खुल बंद हो रहे थे
देखा
एक बूढ़ी औरत
लिफ्ट के अंदर
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दावत
Rambriksh, Ambedkar Nagar
मैं दावत खाने बैठा था
कौन अपना
कौन पराया
मैं खुद अंजान
कौन बिन बुलाए
मेहमान
किन्तु प्रेम का संगत अनूठा था,
देख दे
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शायरी
अभिषेक मिश्रा
शहर की आबोहवा में ,कुछ इस कदर परिवर्तन होने लगे हैं हुजूर !
खंडहर भी बयां करने लगे हैं, कि इमारत भी क्या शानदार थी।।
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ढोंग
SANTOSH KUMAR BARGORIA
ढोंग बड़े मुझ ढोंगी में,
स्वयं कर मैं देवी पूजा ।
और विरोध उनका मैं करता,
जो करते मूर्तिपूजा ।।
कलश स्थापना मैं घर
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