Bholenath sharma 12 Apr 2024 गीत समाजिक तो ये मालूम नहीं 2382 0 Hindi :: हिंदी
सीखा बहुत कुछ पर स्वंय झेलने के बाद दर्द उनको भी होता है। तो ये मालूम हुआ । कोई यदि कष्ट मे हो तो सलाह नहीं साथ दो इस परिस्थिति से गुजरा तो ये मालूम हुआ खुद को अक्लमंद समझते थे हमारी अक्ल ही हम को खा गई हमसे और भी है अक्लमंद तो ये मालूम हुआ हम खुद ही कातिल है। अपनी जिन्दगी के जब गलती अपनी देखी तो ये मालूम हुआ ये अंगुली सीधी ही क्यूं खुद की और मुड़ती क्यो नही जब बेवजह हम गुनेहगार बने तो ये मालूम हुआ ..... भोले नाथ शर्मा ( उ० प्र० ) गोण्डा