Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक #मनमोहक 37438 0 Hindi :: हिंदी
मन मोहक तेरा रूप निराला ! मन को सबके मोहने वाला !! ओ छलिये तू छलने वाला ! छल का तेरे जग मतवाला !! मन मोहक तेरा रूप निराला ! मन को सबके मोहने वाला !! प्रेम किसी का नहीं ठुकराया ! प्रेम का तून्हे अर्थ बताया !! प्रेम को सबके तून्हे अपनाया ! प्रेम से ही तू बंधता आया !! मन मोहक तेरा रूप निराला ! मन को सबके मोहने वाला !! पी गई मीरा विष का प्याला ! विष को भी अमृत कर डाला !! भरी सभा में तुझको पुकारा ! चीर बड़ाकर दिया सहारा !! मन मोहक तेरा रूप निराला ! मन को सबके मोहने वाला !! प्रेम की बांधी ऐसी डोर ! तज दिए तून्हे तीनो लोक !! यारी की दी है परिभाषा ! सुदामा की न तोड़ी आशा !! मन मोहक तेरा रूप निराला ! मन को सबके मोहने वाला !! देवकी नंदन यशोदा का लाला ! जेल में जन्मा यशोदा ने पाला !! प्रेम में अपने गोकुल रंग डाला ! माखन चोर नंद का लाला !! मन मोहक तेरा रूप निराला ! मन को सबके मोहने वाला !! बंसी बजाई गइया चराई ! मटकी फोड़ माखन खाई !! मईया को फिर दिया उलाहना ! माँ को भी तू छलने वाला !! मन मोहक तेरा रूप निराला ! मन को सबके मोहने वाला !! मोर मुकुट तेरे सर पे विराजे ! धुन पर बंसी की सृष्टि नाचे !! गोपियों के मन को है भाया ! राधा संग रास रचाया !! मन मोहक तेरा रूप निराला ! मन को सबके मोहने वाला !! मेरी सांसो में तू ही रम जाए ! नयनों में मेरे तू ही बस जाए !! कान्हा तेरी जब बंसी बाजे ! मन मयूर मेरा उस पर नाचे !! मन मोहक तेरा रूप निराला ! मन को सबके मोहने वाला !! विपिन बसल