akhilesh Shrivastava 31 Dec 2023 कविताएँ समाजिक जिंदगी में साल दर साल हमारी जिंदगी का वक्त गुजरता जाता है वक्त अच्छे बुरे का एहसास करा देता है 9738 0 Hindi :: हिंदी
*एक साल निकल गया* जिंदगी का एक साल यूं ही निकल गया अभी शुरू हुआ था अभी खत्म हो गया।। कुछ नये परिचितों से मुलाकात तो हुई जो अपने बिछड़ गए वो सहा नहीं गया।। कुछ नई घटनाओं से मेरा सामना भी हुआ कुछ अच्छा भी सुना कुछ सुना ही नहीं गया।। जिंदगी का एक साल यूं ही निकल गया............... जैसे जैसे दिन घटे तो उम्र बढ़ गई दिल तो जवां है पर जवानी चली गई।। अपना हमें जो कहते थे हमसे दूर हो गये दोषी हमें बताया खुद बरी हो गये ।। संकीर्ण सोच के मुझे कुछ लोग भी मिले व्यवहार उनका मुझसे सहा भी नहीं गया।। जिंदगी का एक साल...... मेरी उम्र के खजाने का धन यूं ही घट गया अच्छे और बुरे अनुभवों से दिल मेरा भर गया। एकांश के जन्म से मन खुश हो गया नाना- नानी बनने से प्रमोशन भी मिल गया छोड़ो मलाल जिंदगी में किसने क्या किया। बची जिंदगी ख़ुशी से जियो वक्त कह गया।। अच्छे बुरे समय का सबक भी मिल गया अच्छा तो याद है बुरा मैं भूल गया।। जिंदगी का एक साल यूं ही निकल गया....======= ... रचयिता -अखिलेश श्रीवास्तव एडवोकेट जबलपुर ----
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