Pooja Sankalp 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद 23060 1 5 Hindi :: हिंदी
आता हूँ तेरे द्वारे ,एक आस निहारे, शरण में ले, ले अपने शरणागत प्यारे, कर्म, अकर्म का ज्ञान नहीं, उचित, अनुचित का ध्यान नहीं, छल, कपट का पहचान नहीं, पूर्णरूप अज्ञान से भरा हुआ हूँ, मुझको कुछ भी ज्ञात नहीं, हाथ में लिए पुष्प की थाली, आँखों में होती अश्रुवर्षा, पथ भी मिलते कभी- कभी कंटको से भरे, गिर-गिर कर उठता हूँ, फिर भी आता हूँ, एक आस निहारे।।
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