संदीप कुमार सिंह 30 Jun 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 3900 0 Hindi :: हिंदी
दोहा छंद रखिए दूर विकार को,पिएं प्रेम का जाम। सोच समझ कर कीजिए, जीवन में हर काम।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....