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काले बादल-बरसो तुम बरसो तुम मेघधरा दर बरसो तुम

Sandeep ghoted 09 Jul 2023 कविताएँ अन्य काले बादल famous poem 10684 1 5 Hindi :: हिंदी

काले बादल
बरसो तुम बरसो तुम
मेघधरा दर बरसो तुम
तुम हो काले काले
काजल को भी फीका डालें
नवजीवन की पुकार लिए
तुम बढ़ते जाओ तुम बढ़ते जाओ
 बरसो तुम बरसो तुम
मेघधरा दर बरसो तुम
तुम्हारी ठंडक भू को ठंडक कर दें
फलित ज्योति जग में
खुशियों की पुकार लिए तुम बढ़ते जाओ बढ़ते जाओ
ग्रीष्म काल की इस गर्मी का
तोहफा तुम ठंडक दो
आभा फाल्गुन को  मुहाने वाले
शीतलहर में बरसों तुम
बरसो तुम बरसो तुम
 मेघधरा दर बरसो तुम

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Sandeep ghoted
Sandeep ghoted काले बादल पोयम बादलों को संबोधित करते हुए लोगों को बहुत से उपहार देते हुए यह बादल को एक उपहार के रूप में देखता है तथा उसको एक अच्छे आशावादी तथा अच्छे जीवन में नए विचार लाने वाले तथा किसान में नया जीवन लाने वाले के रूप में देखते हैं बादल वैसे तो काले होते हैं लेकिन उनका का तो यह काजल के प्रकार से भी बड़ा पर शक होता है यह मन को मोह आते हैं पल में शक्कर अपने मन को ले जाते हैं

9 months ago

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