VIVEK KUMAR PANDEY 13 Feb 2024 कविताएँ दुःखद 5334 1 5 Hindi :: हिंदी
अगर फिर कभी मिलना किसी अनजान शहर के अजनबी राहों पर...... तो मत पूछना फिर वही खामोशी से लिपटे अनकहे सवालात अपने अश्रुपूरित आंखो से। क्योंकि __नही दे पाऊंगा मैं जवाब, तुम्हारे किसी भी सवाल का। तुम्हारी खामोशी मुझे फिर से तोड़ देगी। थक जाओगे तुम मुझसे अपने अनकहे सवालात करते-करते। और बिखर जाऊंगा मैं तुम्हारे निशब्द सवालों को समेटते-समेटते।। 🙏🙏🙏
2 months ago