Baba ji dikoli 30 Mar 2023 आलेख समाजिक कहानी/कविता/आलेख/शीर्षक/उत्कृष्ठ/भक्ति/शायरी/गजल/नगमा/ 9604 0 Hindi :: हिंदी
इस नए वर्ष पर लोगो ने बहुत कुछ लिखा । पुराना वर्ष बहुत कुछ यादे दे चला । आया था वो भी बहुत जोर और शोर से। पर उसको शायद समय चक्र का अभाष न था। जो कर रहे थे उसका स्वागत बहुत जोर सोर से , वो ही ठुकरेगे ये ज्ञात न था। ये नया वर्ष भी कुछ खाश लाया है। किसी के नयी सफलताओ की आस, तो कुछ का अंतिम प्रयासःलाया है। किसी के लिए महमान खास तो , किसी की याद लाया है। ये भी एक दिन ढल जायगा ,फिर से एक नया वर्ष लायेगा। ये भी ठुकरा दिया जायेगा,फिर कोई नया मेहमान आएगा। ये परिवर्त नही रुक पायेगा,क्या तू भी परिवर्तित हो जायेगा। फिर पूछेगे तेरे अपने ही तू कब सफलता पायेगा। क्या तू फिर निरुत्तर रह जायेगा ।चलो एक और अंतिम प्रयाश करे।एक नई जंग का आगाज करे । अगले वर्ष को न आने देना उसके पहले सफलता पा लेना। ।।वीर तुम बढे चलो समय चक्र से लड़ें चलो।। @baba ji dikoli