मोती लाल साहु 01 Jun 2023 कविताएँ समाजिक बाह्य परिस्थिति- चाहे जितना विपरीत हो- परमानंद, आपका आंतरिक- अस्तित्व में हमेशा मौजूद है। 5696 0 Hindi :: हिंदी
बाह्य परिस्थिति- चाहे जितना विपरीत हो,, परमानंद- आपका आंतरिक, अस्तित्व में हमेशा मौजूद है...!!!! -मोती