Anjani pandey (sahab) 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य ##ठंड की धूप## 18564 0 Hindi :: हिंदी
"ठंड की धूप" कुछ बादल काले काले कुछ पानी से भरे हुए है कुछ ढक लेते सूरज को धूप नही आ पाएगी ये बादल देखो कितने बड़े बड़े है, मौसम है ठंड का चाय पकौड़ी बनाने को मां ने आग जलाई है ये भी क्या दिन है भाई कुछ काम नही करना बिस्तर में अभी तक पड़े हुए है धूप नही आ पाएगी ये बादल देखो कितने बड़े बड़े है , कॉलेज जाने को तैयार हुए हम देखकर बादल बड़े बड़े कपड़े उतार दिए हम लगता है सो जाए मखमली चादर में तुमको कॉलेज जाना है पापा जिद पर अड़े हुए है धूप नही आ पाएगी ये बादल देखो कितने बड़े बड़े है।।। अंजनी पांडेय साहब